बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) के संस्कृत धर्म संकाय में जयपुर के मुस्लिम प्रोफेसर (Muslim Professor) डॉ. फिरोज खान (Dr Feroz Khan) की नियुक्ति पर चल रहे विवाद को लेकर गुरुवार को राजस्थान (Rajasthan) के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि 'मैं यूपी चीफ मिनिस्टर और डिप्टी सीएम के संपर्क में हूं. बीएचयू (Banaras Hindu University) में डॉ. फिरोज खान द्वारा संस्कृत पढ़ाने को लेकर जो इश्यू बना हुआ है, वह जल्द ही समाप्त किया जाना चाहिए'.
सीएम गहलोत ने कहा कि यूपी (Uttar Pradesh) चीफ मिनिस्टर योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) को इस में दखल देना चाहिए.
बीजेपी और आरएसएस को करना चाहिए स्वागत
सीएम ने कहा कि मुस्लिम समुदाय का व्यक्ति संस्कृत में स्कॉलर बना है तो ऐसे में बीजेपी और आरएसएस, सबको इसका स्वागत करना चाहिए था, हिन्दू समाज के लिए गर्व की बात होनी चाहिए थी. बनारस तो गंगा-जमुनी संस्कृति का ध्वजवाहक माना गया है. हमारे देश में हिन्दू भी जाने-माने शायर हुए हैं, जब एक-दूसरे के धर्म में इस प्रकार से रुचि रखते हैं, एक्सपर्टाइज करते हैं तो ऐसे में तो दायरा व्यापक हो जाता है. हम सर्वधर्म समभाव की बात करते हैं, इससे हमारे समाज में सर्वधर्म का ताना-बाना मजबूत होता है और यह देशहित में है. ये इश्यू (BHU Issue) समाप्त होना चाहिए.
गहलोत ने पेश किए 2 उदाहरण
सीएम ने कहा कि अनेक ऐसे उदाहरण हैं जब सरकारें स्कॉलर्स को उनके योगदान के लिए सम्मानित करती आई हैं. उन्होंने इस संबंध में दो उदाहरण बताए...
पहला- संस्कृत विद्वान प्रो. नाहिद आबीदी को भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने संस्कृत भाषा में उनके योगदान के लिए 2014 में पद्मश्री से सम्मानित किया था. उन्हें डीलिट की उपाधि भी मिली है. 2016 में उत्तर प्रदेश सरकार ने उन्हें यश भारती पुरस्कार से सम्मानित किया था.
दूसरा- बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग की छात्रा शाहिना को 2016 में खुद प्रधानमंत्री सम्मानित कर चुके हैं. शाहिना वेद, पुराण और उपनिषद पर शोध कर रही हैं. डॉ. फिरोज को हमारी सरकार ने 'संस्कृत युवा प्रतिभा सम्मान' से सम्मानित किया है. डॉ. हनीफ खां शास्त्री को साहित्य और शिक्षा के बीच असाधारण फर्क को समझाने के लिए हाल ही में पद्मश्री से सम्मानित किया गया है.